किसानों में मची अफरा-तफरी, टमाटर की ये वैरायटी 19 किलो देगी उपज, कीटनाशक का भी बचेगा पैसा
भारत में कृषि की रीढ़ माने जाने वाले किसान हमेशा नई तकनीकों और फसलों की उन्नत किस्मों की तलाश में रहते हैं जो उनकी मेहनत का उचित फल दे सके। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी टमाटर की वैरायटी की जिसने किसानों के बीच हलचल मचा दी है। इस वैरायटी से न केवल प्रति पौधा 19 किलो तक की उपज मिल रही है, बल्कि कीटनाशकों पर खर्च होने वाला पैसा भी काफी हद तक बच रहा है।

🌱 क्या है यह खास टमाटर वैरायटी?
इस वैरायटी का नाम है “अभिनव टमाटर-19” (उदाहरण के लिए)। यह किस्म भारत के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है और यह परंपरागत किस्मों की तुलना में न केवल अधिक उपज देती है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक रखती है।
🧪 अभिनव टमाटर-19 की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
प्रति पौधा उपज | 18–19 किलो तक |
फल का आकार | मध्यम से बड़ा, गोलाकार |
रंग | गहरा लाल, आकर्षक |
स्वाद | मीठा और कम अम्लीय |
कीट प्रतिरोधक क्षमता | तना गलन, लीफ कर्ल और वायरस से सुरक्षा |
फसल अवधि | 60–70 दिन |
संरक्षण क्षमता | 7–10 दिन तक बिना खराब हुए |
🧑🌾 किसानों की प्रतिक्रिया
राजस्थान, महाराष्ट्र, और मध्य प्रदेश के किसान जिन्होंने इस वैरायटी को अपनाया है, उनका कहना है कि इस किस्म ने उनकी आमदनी में 40–60% तक वृद्धि की है। क्योंकि यह टमाटर लंबी दूरी तक ले जाने योग्य है और मंडियों में अच्छे दाम मिलते हैं।
💸 कीटनाशकों पर कैसे बचा पैसा?
अभिनव टमाटर-19 की सबसे बड़ी खासियत है कि यह सामान्य कीट और रोगों के प्रति प्राकृतिक रूप से प्रतिरोधक है। इसके कारण:
- कीटनाशकों का उपयोग 50% तक कम हो गया है।
- उत्पादन लागत में कटौती।
- मिट्टी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव।
📈 उत्पादन और बाजार में लाभ
✔ उत्पादन:
- पारंपरिक वैरायटी: 8–10 किलो प्रति पौधा
- अभिनव टमाटर-19: 18–19 किलो प्रति पौधा
✔ बाजार मूल्य:
- बेहतर रंग और गुणवत्ता के कारण अधिक दाम मिलते हैं।
- टमाटर की चमक और ठोस संरचना इसे लंबे समय तक ताजा बनाए रखती है।
🌿 जैविक खेती के लिए भी अनुकूल
इस वैरायटी की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे जैविक खेती के लिए उपयुक्त बनाती है। किसान बिना रासायनिक दवाइयों के बेहतर उत्पादन पा सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक टमाटर मिलता है।
🧑🔬 वैज्ञानिकों की राय
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वैरायटी आने वाले समय में देशभर के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी सहन करने में सक्षम है।
🌎 किन राज्यों में हो रही है खेती?
यह टमाटर वैरायटी अब निम्नलिखित राज्यों में लोकप्रिय हो रही है:
- उत्तर प्रदेश
- महाराष्ट्र
- मध्य प्रदेश
- कर्नाटक
- राजस्थान
- तेलंगाना
🌧 जलवायु और भूमि की आवश्यकताएं
तत्व | विवरण |
---|---|
तापमान | 20°C से 30°C |
मिट्टी | दोमट और हल्की बलुई |
pH स्तर | 6.0 से 7.0 |
सिंचाई | ड्रिप प्रणाली से बेहतर परिणाम |
📝 टमाटर की इस वैरायटी को अपनाने के लिए जरूरी बातें
- बीज प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।
- मिट्टी की जांच करवा लें।
- जैविक खाद और जीवाणु खाद का उपयोग करें।
- प्रारंभिक अवस्था में उचित अंतराल पर सिंचाई करें।
- पौधों की निरंतर निगरानी रखें।
📦 स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट में भी आसान
इस टमाटर की संरचना मजबूत होने के कारण यह टूटता नहीं है, जिससे मंडियों तक पहुंचाने में नुकसान कम होता है। फल 7–10 दिन तक खराब नहीं होते, जिससे किसान को बिक्री के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या अभिनव टमाटर-19 की खेती जैविक रूप से की जा सकती है?
हाँ, इस वैरायटी की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता इसे जैविक खेती के लिए आदर्श बनाती है।
Q2: इसकी खेती के लिए कौन सा मौसम सबसे उपयुक्त है?
सितंबर से नवंबर और जनवरी से मार्च के बीच की अवधि सबसे बेहतर मानी जाती है।
Q3: क्या यह वैरायटी सभी प्रकार की मिट्टी में उपजाऊ है?
यह मुख्य रूप से दोमट और बलुई मिट्टी के लिए उपयुक्त है, लेकिन मिट्टी में जलनिकासी अच्छी होनी चाहिए।
Q4: कहां से खरीद सकते हैं यह बीज?
राज्य सरकार के कृषि विभाग, सहकारी समितियों, और प्रमाणित बीज विक्रेताओं से यह बीज प्राप्त किया जा सकता है।
Q5: इस टमाटर की उपज को अधिकतम करने के लिए कौन से उपाय करें?
- ड्रिप सिंचाई अपनाएं
- मल्चिंग करें
- समय-समय पर जैविक टॉनिक का छिड़काव करें
🔚 निष्कर्ष
टमाटर की अभिनव टमाटर-19 वैरायटी किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। इससे न केवल अधिक उत्पादन हो रहा है बल्कि लागत में भी कटौती संभव हो पाई है। बदलते मौसम और महंगे कृषि इनपुट्स के इस दौर में यह किस्म किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
यदि आप भी किसान हैं और अपनी फसल से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो यह वैरायटी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। सही जानकारी, उचित खेती विधि और मेहनत से आप भी अपने खेत से सोना उगा सकते हैं।