कुंदरू की खेती के लिए बेस्ट है ये किस्म, मई में करें बुवाई, 60 दिनों में बरसेगा पानी की तरह पैसा, जानें नाम

कुंदरू की खेती के लिए बेस्ट है ये किस्म, मई में करें बुवाई, 60 दिनों में बरसेगा पानी की तरह पैसा, जानें नाम

भारत के किसानों के लिए कुंदरू (Ivy Gourd) की खेती एक लाभदायक विकल्प बनती जा रही है। विशेषकर उन किसानों के लिए जो कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं। मई माह कुंदरू की बुवाई के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी बेहतरीन किस्म के बारे में, जिसकी खेती से सिर्फ 60 दिनों में पानी की तरह पैसा बरस सकता है।

कुंदरू की खेती

क्या है कुंदरू और क्यों है इसकी मांग ज़्यादा

कुंदरू, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में तेंदली, टेंडली, कोंडरू आदि नामों से जाना जाता है, एक बहुवर्षीय बेल वाली सब्जी है जो गर्म और आर्द्र जलवायु में तेजी से बढ़ती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, विटामिन A और विटामिन C की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि आजकल इसकी मांग शहरी बाज़ारों और रेस्टोरेंट्स में काफी बढ़ गई है।

बेस्ट किस्म: ‘कुंदरू-60’ (Kundru-60) – किसानों की पहली पसंद

‘कुंदरू-60’ एक उन्नत किस्म है जिसे विशेष रूप से कम समय में ज्यादा उत्पादन देने के लिए तैयार किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • सिर्फ 60 दिनों में पहली तुड़ाई
  • बेल की वृद्धि तीव्र और फलने की क्षमता अधिक
  • एक पौधे से 8-10 किलो उपज संभव
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता ज़्यादा
  • गर्मी व उमस को सहन करने की ताकत

मई में बुवाई क्यों है सबसे उत्तम समय

मई माह में तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जो कुंदरू की बुवाई के लिए आदर्श है। इस समय बोआई करने से वर्षा ऋतु में फसल तैयार हो जाती है, जिससे कीड़ों व रोगों का खतरा कम होता है और बाजार में मांग अधिक मिलती है।

भूमि की तैयारी और जलवायु की आवश्यकताएं

कुंदरू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें अच्छा जल निकास हो। खेत की तैयारी इस प्रकार करें:

  • पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
  • इसके बाद 2-3 बार देशी हल या रोटावेटर से जुताई करें।
  • मिट्टी को भुरभुरी कर, खेत को समतल बनाएं।
  • गोबर की सड़ी हुई खाद (25-30 टन प्रति हेक्टेयर) खेत में अच्छी तरह मिला दें।

बुवाई की विधि और दूरी का ध्यान रखें

  • मई माह में बुवाई के लिए कटिंग या कंद से रोपाई की जाती है।
  • प्रत्येक पौधे के बीच 1.5 मीटर की दूरी रखें।
  • बेल को चढ़ाने के लिए बांस या ट्रेलिस सिस्टम का प्रयोग करें, जिससे फल स्वस्थ और आकार में बड़े बनते हैं।

उर्वरक और खाद प्रबंधन

उच्च उत्पादन के लिए संतुलित उर्वरक प्रबंधन अति आवश्यक है:

  • नत्रजन (N): 60 कि.ग्रा./हेक्टेयर
  • स्फुर (P): 40 कि.ग्रा./हेक्टेयर
  • पोटाश (K): 40 कि.ग्रा./हेक्टेयर

खाद डालते समय यह सुनिश्चित करें कि पौधों की जड़ों से दूरी पर खाद दी जाए ताकि जलने की संभावना न हो।

सिंचाई व्यवस्था: सफलता की कुंजी

कुंदरू की फसल को नियमित 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मी में सिंचाई की संख्या बढ़ा सकते हैं, परंतु जलभराव से बचें क्योंकि इससे जड़ों में सड़न हो सकती है।

कीट और रोग नियंत्रण के उपाय

मुख्य कीट और रोग:

  • लाल मक्खी (Red Pumpkin Beetle)
  • पत्तियों की झुलसन (Leaf Blight)
  • मिल्ड्यू (Powdery Mildew)

नियंत्रण के उपाय:

  • नीम आधारित जैविक कीटनाशक जैसे नीम तेल (Neem Oil 5%) का छिड़काव करें।
  • आवश्यकता पड़ने पर कार्बेंडाजिम या मैन्कोज़ेब का छिड़काव करें।
  • खेत को साफ और खरपतवार मुक्त रखें।

तोड़ाई और बाजार में बिक्री

पहली तुड़ाई बुवाई के 60 दिन बाद शुरू होती है। हर 2-3 दिन के अंतराल पर फल तोड़ना चाहिए, जिससे नए फल आने में तेजी होती है। बाजार में इसकी औसत कीमत ₹20-₹40 प्रति किलो रहती है। एक हेक्टेयर से 150-200 क्विंटल उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है।

मुनाफा और लागत विश्लेषण

विवरणलागत (₹)उपज/आय (₹)
बीज/कंद5,000
खेत तैयारी व खाद15,000
सिंचाई व कीटनाशक8,000
मजदूरी10,000
कुल लागत38,000
उपज (150 क्विंटल × ₹30 प्रति किलो)4,50,000
शुद्ध लाभ4,12,000

कुंदरू की खेती के अतिरिक्त लाभ

  • मल्टीपल हार्वेस्ट – एक बार रोपण के बाद कई महीनों तक तुड़ाई संभव।
  • कम जोखिम वाली फसल – जलवायु बदलाव का असर कम।
  • रोज़गार सृजन – श्रमिकों को कार्य के अवसर।

निष्कर्ष: एक सुनहरा अवसर किसानों के लिए

कुंदरू की उन्नत किस्म ‘कुंदरू-60’ मई माह में बुवाई के लिए सर्वोत्तम विकल्प है। इसकी खेती करके किसान कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं। सही तकनीक, समयबद्ध सिंचाई, और कीट नियंत्रण से यह फसल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती है।

यदि आप भी जल्दी और सुरक्षित मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो कुंदरू की यह किस्म आपके लिए एक शानदार विकल्प है।

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