पालना है तो बाहुबली भैंस पाले, देगी 1200 लीटर दूध, खेती-किसानी में भी आएगी काम – जानिए इसका नाम और खासियत
आज के समय में अगर आप पशुपालन से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सिर्फ कोई भी भैंस पालने से काम नहीं चलेगा। ज़रूरत है ऐसी भैंस की जो दूध भी ज्यादा दे और खेती-किसानी में भी आपकी मददगार बने। आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी ही बाहुबली भैंस के बारे में, जो एक बार में 1200 लीटर तक दूध दे सकती है और दिखने में भी किसी कसरती खिलाड़ी से कम नहीं लगती। किसानों के बीच यह भैंस लोकप्रियता के नए कीर्तिमान बना रही है।

🐃 कौन है ये बाहुबली भैंस?
इस बाहुबली भैंस का नाम है मुर्रा भैंस (Murrah Buffalo)। यह हरियाणा और पंजाब की देसी नस्ल है जो अब पूरे देश में किसानों की पहली पसंद बन चुकी है।
🏆 मुर्रा भैंस की प्रमुख विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
दूध उत्पादन | 10–18 लीटर प्रति दिन, एक लेक्टेशन में 1200–3000 लीटर |
दूध में फैट | 7% से अधिक |
शरीर | भारी, गठीला और चमकदार |
सींग | घुमावदार |
रंग | गहरा काला |
औसत वजन | 550–650 किलोग्राम |
प्रसव चक्र | हर 13–15 महीने में |
🥛 दूध उत्पादन में नंबर 1
- मुर्रा भैंस को “दूध की मशीन” कहा जाता है।
- यह भैंस एक दिन में औसतन 15 लीटर तक दूध देती है।
- कुछ मामलों में यह संख्या 18 लीटर प्रतिदिन तक पहुँच जाती है।
- इसकी एक बार की लेक्टेशन में 1200 लीटर से लेकर 3000 लीटर तक दूध देने की क्षमता होती है।
🌾 खेती में मददगार
मुर्रा भैंस न केवल दूध देती है बल्कि:
- इसके गोबर का उपयोग जैविक खाद में किया जा सकता है।
- इसका गोबर बायोगैस उत्पादन के लिए उत्तम है।
- खेत की जुताई में हलके कार्यों में इसका प्रयोग संभव है (विशेषकर मेल भैंसे)।
🧬 नस्ल सुधार और हाइब्रिड शक्ति
- यह भैंस अन्य भैंसों के साथ क्रॉसब्रीडिंग में भी उपयोगी है।
- इसकी संतानें भी उच्च दूध उत्पादन वाली होती हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अन्य नस्लों की तुलना में ज्यादा होती है।
🧑🌾 किसानों की राय
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों ने बताया है कि मुर्रा भैंस पालना उनके लिए सोने की खदान जैसा साबित हुआ है। दूध उत्पादन के साथ-साथ बाजार में इसकी भारी मांग है।
💰 कमाई का गणित
मान लीजिए:
- भैंस प्रतिदिन 15 लीटर दूध देती है।
- दूध का बाजार मूल्य ₹50 प्रति लीटर है।
👉 तो 15 × ₹50 = ₹750 प्रतिदिन की कमाई
👉 महीने में ₹22,500 और साल में ₹2,70,000 (केवल दूध से)
इसके अलावा गोबर, बछड़ा-बछड़ी की बिक्री और जैविक खाद भी अतिरिक्त आय के स्रोत हैं।
🏥 देखभाल और खानपान
✔ आहार में शामिल करें:
- हरा चारा (जैसे ज्वार, नेपियर घास)
- सूखा चारा (भूसा, गेहूं की भूसी)
- दाना मिश्रण (खनिज, प्रोटीन युक्त फीड)
- साफ पानी – दिन में कम से कम 3 बार
✔ देखभाल:
- साफ-सुथरा बाड़ा
- नियमित टीकाकरण
- समय-समय पर धूप में रखना
🌍 कहां से खरीदें?
मुर्रा भैंस को आप खरीद सकते हैं:
- राष्ट्रीय पशु मेले से
- हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड या अन्य सरकारी केंद्रों से
- पंजीकृत पशुपालकों और निजी डेयरी फार्म से
📜 जरूरी दस्तावेज
- पशु की हेल्थ रिपोर्ट
- टीकाकरण प्रमाणपत्र
- ब्रीडिंग रिकॉर्ड (यदि उपलब्ध हो)
- खरीदी रसीद
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: मुर्रा भैंस की कीमत कितनी होती है?
अच्छी नस्ल की मुर्रा भैंस की कीमत ₹70,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है।
Q2: क्या यह भैंस पहली बार पालने वालों के लिए सही है?
हाँ, यह भैंस सरल देखभाल में भी अच्छा प्रदर्शन देती है।
Q3: मुर्रा भैंस का दूध गाय के दूध से कैसे अलग होता है?
इसका दूध गाढ़ा होता है, फैट अधिक होता है और मिठाइयों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
Q4: क्या इसके लिए कोई सरकारी सब्सिडी मिलती है?
हाँ, पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी उपलब्ध है। नजदीकी कृषि/पशुपालन कार्यालय से जानकारी लें।
Q5: क्या यह भैंस शहरों में पालना संभव है?
यदि जगह और देखभाल की समुचित व्यवस्था हो, तो शहरी क्षेत्रों में भी इसे पाला जा सकता है।
🔚 निष्कर्ष
यदि आप पशुपालन में मुनाफे का रास्ता तलाश रहे हैं, तो मुर्रा भैंस को अपनाना एक स्मार्ट फैसला होगा। यह भैंस न केवल दूध देती है बल्कि खेती-किसानी में भी बहुउपयोगी है। इसकी भारी काया, तेज़ उत्पादन क्षमता और मजबूत रोग प्रतिरोधकता इसे बनाती है एक बाहुबली भैंस – जो आपको भी बना सकती है आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत।