मई में लगाइये ये फसल, अधिक पैदावार के साथ होगी तगड़ी कमाई 2025

मई
🧑‍🌾 मई में लगाइये ये फसल, अधिक पैदावार के साथ होगी तगड़ी कमाई

🌞 परिचय

गर्मी का मौसम आ चुका है और किसान भाई अब नई फसल की तैयारी में लग चुके हैं। मई का महीना खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यही समय है जब ज़मीन गर्म होती है और कई फसलें अच्छे से उगाई जा सकती हैं। सही फसल का चुनाव करने से आपकी कमाई में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है।

Table of Contents

🔥 मई के महीने की कृषि विशेषताएँ

मई का तापमान और मिट्टी की स्थिति

मई में तापमान 35°C से 45°C तक रहता है। इस समय हल्की रेतीली या दोमट मिट्टी में फसलें सबसे अच्छी होती हैं। मिट्टी का तापमान बीज अंकुरण में बहुत मदद करता है।

सिंचाई और पानी की उपलब्धता

इस मौसम में पानी की उपलब्धता एक चुनौती हो सकती है, इसलिए ऐसी फसलों का चयन करें जिन्हें कम पानी में भी उगाया जा सके या ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा सके।

🌾 गर्मियों में लगाई जाने वाली तीन प्रमुख फसलें

1️⃣ मूँग (Moong)

मूँग की किस्में और विशेषताएँ

मूँग एक दलहनी फसल है जो गर्मी में बहुत आसानी से उगाई जाती है। इसकी प्रमुख किस्में हैं—जवाहर मूँग, सम्राट, एमएच-421 आदि। यह मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है।

बुवाई का सही समय और तरीका

मई के पहले और दूसरे सप्ताह में इसकी बुवाई की जाती है। बीजों को 2-3 सेमी गहराई में बोया जाता है।

देखभाल और सिंचाई

प्रत्येक 8-10 दिन में सिंचाई करें। फूल आते समय और फली बनने के दौरान पानी ज़रूरी होता है।

कटाई और मुनाफा

60-70 दिन में फसल तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ 4-6 क्विंटल उपज मिल सकती है, जो बाज़ार में 6000-9000 रुपए प्रति क्विंटल में बिकती है।

2️⃣ मक्का (Maize)

मक्का क्यों है लाभदायक?

मक्का बहुपयोगी फसल है—खाद्यान्न, चारा और उद्योगों में इस्तेमाल होती है। इसकी मांग हर सीजन में बनी रहती है।

बुवाई की विधि और उर्वरक प्रयोग

20 मई से पहले इसकी बुवाई कर लें। 60×20 सेमी की दूरी रखें और उर्वरक में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलन रखें।

रोग प्रबंधन और कीट नियंत्रण

स्टेम बोरर और लीफ ब्लाइट जैसे रोग आम होते हैं, जिनसे बचाव के लिए जैविक कीटनाशक या ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करें।

मुनाफा और बाजार में मांग

प्रति एकड़ 15-20 क्विंटल उपज मिलती है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अच्छा मिल जाता है। पशु चारे के लिए भी भारी मांग है।

3️⃣ ग्वार (Guar)

ग्वार की विशेषता और उपयोग

ग्वार एक सूखा प्रतिरोधी फसल है। इससे गोंद, चारा और पशु आहार बनता है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक है।

बुवाई तकनीक

50×15 सेमी की दूरी पर बुवाई करें। हल्की से मध्यम मिट्टी में यह फसल अच्छे से उगती है।

सिंचाई और देखभाल

बहुत कम पानी में भी ग्वार उग जाती है। केवल दो बार सिंचाई ज़रूरी है—एक बार अंकुरण के बाद और दूसरी बार फूल आने पर।

प्रोसेसिंग और निर्यात

ग्वार गम का निर्यात अमेरिका और यूरोप तक होता है। अच्छे दाम मिलने की संभावना अधिक होती है।

🥦 अतिरिक्त विकल्प: सब्जियाँ और फल

टमाटर, भिंडी और लौकी

इन सब्जियों को मई में लगाना आसान होता है। इनकी जल्दी पैदावार होती है और बाजार में मांग बनी रहती है।

गर्मियों में लगाए जाने वाले फल

खीरा, तरबूज, खरबूजा जैसे फल मई में अच्छे से उगाए जाते हैं। ये जल्दी तैयार होते हैं और मुनाफा भी बढ़िया होता है।

🌱 किसान भाइयों के लिए सुझाव

बीज का चयन कैसे करें?

सर्टिफाइड बीज ही खरीदें, जो क्षेत्र की जलवायु के अनुसार हो। स्थानीय कृषि केंद्रों से जानकारी लें।

जैविक बनाम रासायनिक खेती

अगर आप लंबी अवधि में ज़मीन की सेहत बनाए रखना चाहते हैं, तो जैविक खेती पर ध्यान दें। इससे उत्पादन भी अच्छा होता है और लागत कम।

📋 सरकारी योजनाएँ और अनुदान

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

हर साल ₹6000 की सहायता किसानों को मिलती है। इस योजना का लाभ अवश्य लें।

कृषि तकनीक और प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्रों पर जाकर आप नई तकनीकें और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इससे उपज और आय दोनों में सुधार होगा।

निष्कर्ष

मई का महीना फसल लगाने का सही समय है और अगर सही फसल चुनी जाए, तो कम पानी में भी बेहतरीन उत्पादन और तगड़ी कमाई संभव है। मूँग, मक्का और ग्वार जैसी फसलें इस मौसम में किसानों के लिए वरदान बन सकती हैं। अगर आप थोड़ा स्मार्ट सोचें, तो गर्मी में भी खेतों से सोना उगाना संभव है।

FAQs

1. मई में कौन-कौन सी फसलें सबसे ज्यादा मुनाफेदार होती हैं?

मूँग, मक्का और ग्वार मई महीने की सबसे अधिक मुनाफा देने वाली फसलें हैं।

2. क्या बिना सिंचाई के फसल लगाना संभव है?

हाँ, ग्वार जैसी कुछ फसलें कम पानी में भी अच्छी होती हैं।

3. मूँग की खेती में कितना खर्च आता है?

प्रति एकड़ लगभग ₹4000-₹6000 तक खर्च आता है, लेकिन मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है।

4. ग्वार की फसल कितने समय में तैयार होती है?

70-90 दिनों में ग्वार की फसल तैयार हो जाती है।

5. क्या ये फसलें छोटे किसानों के लिए भी उपयुक्त हैं?

बिलकुल, कम लागत और कम संसाधनों में ये फसलें छोटे किसानों के लिए आदर्श हैं।

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