1 पशु का मिलेगा 88 हजार रु, ऐसे कराएं पशु बीमा, जान-माल की हानि में नहीं होगा नुकसान
कभी सोचा है कि आपके पास एक भैंस है जिसकी कीमत ₹88,000 है और अगर उसकी अचानक मृत्यु हो जाए तो आपको उसकी पूरी कीमत मिल जाए? यही फायदा देता है पशु बीमा। आज के दौर में जहां पशुपालन आय का बड़ा स्रोत है, वहां पशु बीमा किसानों और पशुपालकों के लिए किसी सुरक्षा कवच से कम नहीं है।

क्या है पशु बीमा योजना?
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मकसद है – पशुपालकों को जानवरों की दुर्घटना, बीमारी या मृत्यु की स्थिति में आर्थिक नुकसान से बचाना। इससे पशुपालकों को फिर से अपने व्यवसाय को खड़ा करने का मौका मिलता है।
कौन-कौन से पशु आते हैं दायरे में?
- गाय और भैंस
- बकरी और भेड़
- ऊंट, घोड़ा, खच्चर
- सूअर और पोल्ट्री पक्षी (कुछ राज्यों में)
बीमा से कितना मुआवजा मिलता है?
एक पशु पर ₹88,000 तक का लाभ
यदि किसी किसान की भैंस की कीमत ₹88,000 है और उसका बीमा करवाया गया है, तो उसकी मृत्यु पर पूरा मुआवजा बीमा कंपनी देती है।
बीमा राशि कैसे तय होती है?
- पशु की उम्र, नस्ल और स्वास्थ्य के आधार पर
- स्थानीय पशु चिकित्सक द्वारा प्रमाणन ज़रूरी होता है
पशु बीमा कराने की प्रक्रिया
चरण दर चरण गाइड
- पास के CSC या पशुपालन विभाग से संपर्क करें
- आवेदन फॉर्म भरें
- पशु की फोटो और टैगिंग करें
- स्थानीय डॉक्टर से पशु का मूल्यांकन करवाएं
- प्रीमियम जमा करें और बीमा प्रमाण पत्र लें
किन दस्तावेजों की होगी ज़रूरत?
- आधार कार्ड
- पशु की फोटो
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया
CSC और सरकारी पोर्टल से आवेदन
- डिजिलॉकर और ई-गवर्नेंस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
- कॉमन सर्विस सेंटर पर भी आसानी से बीमा कराया जा सकता है
पंचायत और पशुपालन विभाग से सहायता
- हर पंचायत में पशुपालन सहायक होता है, जो आवेदन में मदद करता है
- राज्य पशुपालन विभाग के पोर्टल पर भी जानकारी उपलब्ध है
प्रीमियम कितना देना होता है?
सब्सिडी के साथ कम प्रीमियम
- कुल बीमा राशि का लगभग 2-3% प्रीमियम होता है
- सरकार इसमें 70-80% तक सब्सिडी देती है
केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी
- कुछ योजनाएं केंद्र प्रायोजित होती हैं
- राज्य भी अलग से सहायता देती हैं
उदाहरण के साथ समझें
मान लीजिए एक गाय की कीमत ₹50,000 है। उसका बीमा कराने पर प्रीमियम ₹1000 तक आएगा, जिसमें से किसान को केवल ₹200-₹300 ही देना होगा। मृत्यु की स्थिति में ₹50,000 तक का क्लेम मिलेगा।
दावा कैसे करें?
नुकसान होने पर क्या करें?
- 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करें
- मृत पशु की फोटो और डॉक्टर का मृत्यु प्रमाण पत्र दें
- FIR की कॉपी (चोरी की स्थिति में) लगाएं
- बैंक डिटेल्स के साथ फॉर्म जमा करें
कितने समय में मिलेगा पैसा?
सभी दस्तावेज पूरे होने पर 15-30 कार्य दिवसों में मुआवजा बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
जरूरी शर्तें और नियम
क्या-क्या नुकसान कवर नहीं होते?
- जानबूझकर की गई हानि
- बीमा अवधि समाप्त होने के बाद की घटना
- बीमा प्रीमियम का भुगतान न करना
बीमा अवधि और नवीनीकरण
- आमतौर पर 1 साल की अवधि होती है
- समय रहते नवीनीकरण ज़रूरी
योजना के लाभ
- जानवर की मृत्यु पर आर्थिक सहायता
- व्यवसाय में निरंतरता बनी रहती है
- परिवार की आय में स्थिरता
किन्हें मिलेगी प्राथमिकता?
- महिला पशुपालकों को विशेष रियायत
- अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों को विशेष लाभ
सफल पशुपालकों की कहानियाँ
राजस्थान के एक किसान रमेश जी ने अपने दो भैंसों का बीमा कराया था। एक भैंस की अचानक मृत्यु हो गई, लेकिन बीमा होने से ₹75,000 मुआवजा मिला और उन्होंने फिर से नई भैंस खरीद ली। इससे उनका व्यवसाय नहीं रुका।
सरकार की अन्य सहायक योजनाएं
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन – उन्नत नस्लों के विकास के लिए
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन – पशु स्वास्थ्य और पोषण के लिए
पशु स्वास्थ्य कार्ड का महत्व
- हर पशु का एक यूनिक हेल्थ कार्ड बनता है
- इसमें वैक्सीनेशन, इलाज और बीमा की जानकारी होती है
- पशुधन डेटाबेस से जुड़े होने पर क्लेम की प्रक्रिया आसान होती है
निष्कर्ष
पशु बीमा न केवल जोखिम से सुरक्षा देता है, बल्कि एक आश्वासन भी है कि यदि कुछ गलत हो गया तो परिवार की कमाई प्रभावित नहीं होगी। छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए यह एक मजबूत सहारा है। आज ही अपने पशुओं का बीमा कराएं और भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
FAQs
- कौन-कौन से पशु बीमा के योग्य हैं?
- गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़ा, सूअर आदि।
- कितने समय में क्लेम मिलता है?
- दस्तावेज़ पूरे होने पर 15-30 दिन में पैसा मिल जाता है।
- क्या यह योजना हर राज्य में लागू है?
- हां, अधिकतर राज्यों में लागू है, कुछ राज्य अपने नियम अनुसार चलाते हैं।
- यदि पशु चोरी हो जाए तो क्या मुआवजा मिलेगा?
- हां, FIR और अन्य दस्तावेज देने पर मिलता है।
- क्या एक किसान कई पशुओं का बीमा करवा सकता है?
- बिल्कुल! अधिकतम 5 पशुओं तक बीमा कराने की अनुमति होती है।